राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांचीः रांची में जमीन घोटाला में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब अपने ही करीबियों के कारण और अधिक मुश्किल मे फंसते नजर आ रहे हैं। पूर्व सीएम के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद ‘पिंटू’ ने ईडी को जमीन घोटाले मामले में बड़ी जानकारी दी है। अभिषेक प्रसाद पिंटू की ओर से ईडी को दिये गए बयान में बड़गाई अंचल के उस विवादित जमीन का भी जिक्र है, जिसकी वजह से हेमंत जेल में है। 191 पन्ने के चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पिंटू के बयान को भी लिया गया है। जिसमें पिंटू ने कहा है कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उन्होने उदय शंकर को 8.86 एकड़ जमीन का सत्यापन करने को कहा था।
ईडी ने अभिषेक प्रसाद पिंटू से 18 मार्च को पूछताछ की थी। पिंटू का बयान पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होने स्वीकार किया था कि वो उदय शंकर को जानते है जो सीएमओ में तैनात अधिकारी है। पिंटू ने अपने बयान में कहा कि उन्हे याद है कि उन्होने हेमंत सोरेन के निर्देश पर बड़गाई में 8.86 एकड़ संपत्ति की जानकारी प्राप्त करने और सत्यापन करने का निर्देश दिया था। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने वॉट्सऐप पर उदय शंकर को सत्यापन के लिए दो और संपत्तियां दी थीं, जो हेमंत सोरेन और उनके परिवार की थी। ईडी ने पिंटू ने उनके और उदय शंकर के बीच 12 अक्टूबर 2022 को हुई वॉट्सऐप चैट दिखाई गई, जिसमें पिंटू उदय शंकर को दो संपत्तियों के सत्यापन के लिए निर्देश दिया था।
अभिषेक प्रसाद पिंटू की ओर से ईडी के सामने दर्ज कराये गए बयान ने सभी की आश्चर्य में डाल दिया है। जो शख्स तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ साये की तरह रहता था, जिसपर हेमंत सबसे ज्यादा भरोसा करते थे, वो ईडी के सामने टूट गया और हेमंत सोरेन के खिलाफ बयान दर्ज करा दिया। हेमंत सोरेन के समर्थक और आलोचक दोनों ये मानते है कि हेमंत सोरेन की टीम के कोर मेंबर रहे पिंटू और उन जैसे कई लोगों की वजह से हेमंत सोरेन को इतने मुश्किल समय से गुजरना पड़ रहा है। लेकिन जब खराब वक्त आया तो पिंटू जैसे लोग सबसे पहले किनारे हो गए।
इधर, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि भ्रष्टाचार और लूट की यारी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती है। उन्होंने कहा कि कानून का शिकंजा कसता देख अच्छे-अच्छे साथ छोड़ जाते हैं। दीपक प्रकाश ने कहा- ‘आखिरकार हेमंत सोरेन के भरोसेमंद उनके पूर्व प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू ने सच कबुल कर ही लिया है कि वो हेमंत सोरेन के कहने पर लूट-खसोट (बड़गाई जमीन लूट) का सारा खेल खलते थे।’
इसके साथ -साथ पूर्व सीएम हेमंत पर आरोपों की बौछार करने के क्रम में भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि जिस आदिवासी समाज के पॉकेट में एक हजार रुपया नहीं होता. उस समाज से आने एक आदिवासी सीएम ने करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया. इस बयान के बाद सियासत गर्म होती नजर आने लगी है और इसे आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान पर हमला बताया जा रहा है. ध्यान रहे कि कुछ इसी तरह का बयान चर्चित एंकर सुधीर चौधरी के द्वारा दिया गया था, जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि जंगल-झाड़ में रहने वाला आदिवासी समाज से आने वाले हेमंत सोरेन आज लाखों के कार में सफर कर रहे हैं. हवाई जहाज पर उड़ रहे हैं, जिसके जवाब में सीएम हेमंत ने कहा था कि भाजपा को एक आदिवासी का बीमड्बलयू कार से सफर करना. हवाई जहाज से उड़ना रास नहीं आ रहा है. उसका दर्द किसी जमीन के टूकड़े को लेकर नहीं है. उसकी पीड़ा तो एक आदिवासी सीएम के द्वारा बीमड्बलयू कार की सवारी से है. जिसके बाद सुधीर चौधरी ने अपनी सफाई पेश किया था. अब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के द्वारा भी ठीक उसी राह पर चलते हुए यह दावा किया गया है कि जिस आदिवासी समाज के पास एक हजार का नोट नहीं होता, उस समाज से आने वाले एक आदिवासी सीएम के द्वारा करोड़ों की जमीन हड़पी जा रही है. अब देखना होगा कि अजय आलोक के इस बयान के बाद झामुमो की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है. लेकिन इतना तय है कि झामुमो इस बयान को लेकर सियासत की शुरुआत करेगी और एन चुनाव पहले झामुमो को आदिवासी समाज को गोलबंद करने का एक मुद्दा मिल गया है.
कथित जमीन घोटाले मामले में अजय आलोक ने दावा किया है कि पूर्व सीएम हेमंत का प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू ने सरकारी गवाह बनना स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद झामुमो की ओर से उसे रास्ते से हटाने की साजिश शुरु हो गयी है, उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा है. बिहार और झारखंड प्रधानमंत्री मोदी की दो आंखे है. वह किसी भी कीमत पर किसी भी आंख को खराब नहीं होने देंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी भाजपाई ने ही राज्य को अलग कर यहां के लोगों को सौगात दी थी. भाजपा ने ही झारखंड को बनाया है, और इसे गढ़ने का काम भी भाजपा ही करेगी. झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ था, आज छत्तीसगढ़ कहां है, वह एक विकसित राज्य में तब्दील हो चुका है, उस तुलना में झारखंड कहां है. झामुमो पर तंज कसते हुए अजय आलोक ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा दरअसल जमीन बेचो मोर्चा है. अभी तो एक जमीन का मसला ईडी के सामने आया है. आगे ना जाने कितने मामले सामने आयेंगे. झामुमो को लगता है कि उसे हेमंत की गिरफ्तारी में सहानूभति का वोट मिलेगा, यह उसका दिवा स्वपन है. झारखंड की जनता सच जान चुकी है. चुनाव में झारखंड की जनता ही इसका जवाब देगी.
आलोक कुमार का जबाब देते हुए झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक की हुई प्रेस कांफ्रेस का देखते ही देखते आपरेशन कर दिया। अपने आपरेशन में सुप्रियो ने कहा कि अजय आलोक ने कहा है कि झारखण्ड को हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे। सुप्रियो ने कहा कि अजय आलोक को पता नहीं कि घर मालिक घर के निर्माण में पैसे खर्च करता है। मजदूर घर के निर्माण में श्रमदान करते हैं।
पंडितजी गृह प्रवेश कराकर दक्षिणा लेते हैं और चल देते हैं। केवल गृह प्रवेश करा देने से वो घर पंडित जी का नहीं हो जाता। ये सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जब शासन था तो उनके कार्यकाल में झारखण्ड बना, लेकिन ये भी सही है कि भाजपावालों ने दक्षिणा के रुप में 17 साल राज कर लिये और अब का जो झारखण्ड हैं, वो हमारा है, इसे हम ही संवारेंगे। मतलब आप काम के एवज में दाम ले चुके हैं। यहां से घसकिये।
अभिषेक पिंटू के उपर जानलेवा हमले होने की बात पर सुप्रियो ने कहा कि आखिर ये सारी झूठी बातें कहा से ये लोग बोलते हैं। वो कहते है कि ईडी के पास वो बोला था तो क्या ये ईडी के दामाद है कि ईडी ने आपको बता दिया। सुप्रियो ने कहा कि अरे भ्रष्टाचार की बात करनेवालो तुम ये बताओ कि बंगारु लक्ष्मण कौन था? जिसने रक्षा सौदे में पैसे लिये और चार साल जेल भी काटी। आज बंगारु का कंगारु लोग इस पर बात क्यों नहीं करता। सुप्रियो ने कहा कि वे इनलोगों को कंगारु इसलिए कह रहे है कि इनके पेट में भी झोला होता है। उस झोले में इलेक्टरोल बॉन्ड, हेमन्त बिस्वशर्मा, नारायण राणे, अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, नवीन जिंदल जैसे लोग रहते हैं।